भारत की पहली ‘किसान रेल’ का हुआ शुभारंभ
भारतीय रेलवे ने एक अहम कदम उठाते हुए 07 अगस्त 2020 से किसान रेल की शुरुआत कर दी है. देश की पहली किसान ट्रेन को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाई गई. भारतीय रेलवे की यह पहली किसान ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली (नासिक) से 07 अगस्त को रवाना होकर बिहार के दानापुर पहुंचेगी. यह ट्रेन खानपान की वस्तुओं के साथ अगले दिन वापस लौटेगी.
किसान रेल से किसानों के जल्द खराब होने वाले सामान को समय पर पहुंचाया जाएगा. इस तरह के ट्रेन चलाने की घोषणा इसी साल के बजट में की गई थी. यह ट्रेन फिलहाल साप्ताहिक होगी जिसमें 11 पार्सल डब्बे लगाए गए हैं. इस ट्रेन की मदद से किसानों के द्वारा मेहनत से पैदा किए गए ताजा सब्जी, फल, फूल और मछली देश में एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.
इस यात्रा के दौरान किसान रेल करीब 1,519 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. देवलाली से चलने के बाद यह ट्रेन नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज, पं दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकेगी.
ट्रेन की खासियत क्या है?
किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे. इसे रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है. इसे रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाया गया है. इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होंगे. मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होगा, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकेंगे.
किसान रेल पूरी पार्सल ट्रेन होगी
किसान रेल पूरी पार्सल ट्रेन होगी, जिसमें किसानों का अनाज, फल, सब्जियां आदि लाने और ले जाया जाएगा. अब तक फल सब्जी आदि एक जगह से दूसरी जगह सड़क से होते हुए ट्रकों में जाता है, इसमें ज़रूरत से ज्यादा वक़्त लगता है. तब तक फल सब्जी खराब होने और नुकसान होने का खतरा रहता है. ये ट्रेन एक तरह से स्पेशल पार्सल ट्रेन होगी.