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मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया

Published on 01 August 2020
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Vipin Gangwar
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Published on 01 August 2020

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. कैबिनेट बैठक के बाद एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने नई शिक्षा नीति के बार में विस्तार से बताया.

इससे पहले 01 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति के मसौदे की समीक्षा की थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था, इसलिए ये बेहद महत्वपूर्ण है. नई शिक्षा नीति में भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है


नई शिक्षा नीति की कुछ अहम बातें

• नई शिक्षा नीति में भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है. सरकार की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि छात्र 2 से 8 साल की उम्र में जल्दी भाषाएं सीख जाते हैं. इसलिए उन्हें शुरुआत से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा देने का प्रावधान रखा गया है. 

• नई एजुकेशन पॉलिसी में केंद्र सरकार द्वारा नया पाठ्यक्रम तैयार करने का भी प्रस्ताव रखा गया है. नया प्रस्ताव 5+3+3+4 का डिजाइन तय किया गया है. यह 3 से 18 साल के छात्रों यानि की नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है.

• केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एमफिल पाठ्यक्रमों को बंद किया जाएगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को पारित नई शिक्षा नीति के अनुसार बोर्ड परीक्षाएं जानकारी के अनुप्रयोग पर आधारित होंगी.

• छात्रों का मानसिक के साथ शारीरिक विकास भी हो सके इसके लिए पढ़ाई के साथ फिजिकल एजुकेशन को जरूरी बनाने का नियम रखा गया है.

• उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य और एकाधिक प्रवेश / निकास का प्रावधान शामिल है.


नया शैक्षणिक सत्र सितंबर-अक्टूबर से शुरू


इस वर्ष कोरोना (कोविड-19) महामारी के चलते उच्च शिक्षा में नया शैक्षणिक सत्र सितंबर-अक्टूबर से शुरू हो रहा है. सरकार नई शिक्षा नीति को नए सत्र के शुरू होने से पहले लाना चाहती है.


नई शिक्षा नीति पर पिछले पांच सालों से काम


नई शिक्षा नीति पर पिछले लगभग पांच सालों से काम चल रहा था. इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अगुवाई वाली एक उच्चस्तरीय कमेटी ने इसे अंतिम रूप दिया. नई शिक्षा नीति में गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी अनिवार्य किए जाने का उल्लेख नहीं है.


शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाना


केंद्र सरकार का मकसद देश की शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाना है. इसमें शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने, बहु भाषायी अध्ययन, 21वीं शताब्दी की स्किल, खेल, कला, पर्यावरण आदि मुद्दों पर फोकस किया जायेगा. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कुछ दिनों पहले कहा था कि नई शिक्षा नीति विज्ञान, प्रौद्योगिकी और भारत केंद्रित अवधारणा पर आधारित है.

यह भारत की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित होगी और इसका मुख्य मकसद एक नए भारत का निर्माण होगा- स्वस्थ, स्वच्छ, सशक्त और श्रेष्ठ भारत. इसमें छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, जन प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों, ग्राम पंचायतों सहित समाज के विभिन्न वर्गो से परामर्श किया गया है.


नई शिक्षा नीति 2020 पेश


आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में 1985 में शिक्षा मंत्रालय से बदलकर HRD मंत्रालय नाम दिया गया था. आज हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नई शिक्षा नीति 2020 पेश की गई. नई शिक्षा नीति के मसौदे के तहत दिए गए मुख्य सुझावों में से एक मंत्रालय के नाम में बदलाव भी शामिल था.

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